Thursday, April 26, 2012

इंसान की माददी और रूहानी ताक़त आज जितनी भी है इसी ग़ौरो फ़िक्र के ज़रिये है

पर एक टिप्पणी
यक़ीन में बड़ी ताक़त है।
यक़ीन हासिल होता है इल्म से और इल्म हासिल होता है ग़ौरो फ़िक्र से।
ग़ौरो फ़िक्र इंसान की ख़ासियत है।
इंसान की माददी और रूहानी ताक़त आज जितनी भी है इसी ग़ौरो फ़िक्र के ज़रिये है।
जब ग़ौरो फ़िक्र ख़त्म हो जाता है तो फिर दीनदारी और रूहानियत का भी जनाज़ा निकल जाता है।
तब सिर्फ़ बेजान रस्में बचती हैं जो सड़ती रहती हैं और सिर्फ़ बदबू और बीमारियां फैलाती हैं।
इन रस्मों में ज़िंदगी भी ग़ौरो फ़िक्र से ही आएगी।

पाक दिल पार होगा और बाक़ी के लिए मुमकिन नहीं है।
दुनिया में एक ने देखा लेकिन आखि़रत में सब देखेंगे।

नसीहत आमोज़ वाक़ये के साथ आपका यह तहक़ीक़ी मक़ाला अच्छा लगा।
शुक्रिया।

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